Monday, 22 June 2015

विपक्ष की भूमिका नहीं निभा पा रहे दल


इन्टरवल एक्सप्रेस
लखनऊ। देश प्रदेश के  विकास के लिए जितनी अहमियत सत्ता पक्ष की होती है उतनी ही अहमियत विपक्ष की भी  होती है। यदि विपक्ष मजबूत नहीं होगा तो सरकारें भी  काम नहीं कर पाती। विपक्ष में रहते हुए भी  पार्टियां प्रदेश के विकास में अहम •ाूमिका निभाति  है। विपक्ष की भूमिका हमेशा ही रचनात्मक होती है। व प्रदेश के लिए सकारात्मक होती है। लोकतंत्र के लिए सरकार के साथ विपक्ष का भी  होना उतना ही जरुरी है जिस तरह हर कार्य के लिए सरकार की जवाबदेही बनती है वैसे ही विपक्ष की भी भूमिका  होती है कि वो सरकार के कार्यों पर नजर रखे।

सरकार के कार्यों पर नजर रखना विपक्ष का काम
विपक्ष का काम होता है कि सरकार द्वारा जो कार्य करवाये जा रहे है वो जनहित में है कि नहीं इस पर नजर रखना। कई बार सरकार द्वारा ऐसा कार्य भी  किया जाता है जो पूर्ण रुप से  जनता के हितों के अनुरूप नहीं होता। ऐसे में विपक्ष द्वारा चुप रह जाना एक तरह से सरकार का मौन समर्थन करना होता है। यहीं  से शुरु हाती है विपक्ष की भूमिका   क्योंकि सरकार के किसी भी  गलत निर्णय का विरोध करना उनका नैतिक कर्तव्य है। विपक्ष का काम सरकार को ऐसा करने से रोकना जो जनता के हित में अनुकूल न हो कई बार सरकार अपना अड़ियल रूख छोड़ने को तैयार न हो तो विपक्ष सदन के भीतर और बाहर अपना विरोध प्रकट कर सकता है। विपक्ष को यह अधिकार है कि अगर सरकार जनहित की भावनाओं को अनदेखी करते हुए कोई नीतिगत फैसला लेती है तो वह सदन में सरकार से उस पर बहस की मांग कर सकता है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर सरकार को रोकने के लिये सदन के भीतर कार्य-स्थगन प्रस्ताव ला सकता है।

इसके अलावा लोकतांत्रिक तरीके से जन-जागरुकता अभियान चलाकर आम जनता को सरकार की सच्चाई बताकर उसे सरकार के विरुद्व खड़ा कर सकता है। विपक्ष चाहे तो धरना, प्रदर्शन, घेराव आदि के माध्यम से सरकार के विरुध्द जन-आंदोलन चला सकता है। इस तरह से वह सरकार को अपना जन-विरोधी निर्णय वापस लेने के लिये मजबूर कर सकता है।

प्रदेश में विपक्ष की स्थिति नाम मात्र
प्रदेश में मौजूदा सपा सरकार पूर्ण बहुमत में है जिस कारण वो फैसले लेने के लिए बाध्य नहीं है। प्रदेश में दूसरे नंबर की पार्टी बहुजन समाज पार्टी विपक्ष की भूमिका मिका में बिल्कुल भी  नजर नहीं आ रही है।  2012 के विधानसभा  चुनाव में करारी शिकस्त पाने के बाद से बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती तो जैसे गायब ही हो गई इसके अलावाप्रदेश की तीसरे और चौथे नंबर पर रही कांग्रेस और •ााजपा की पार्टियों ने कुछ हद तक विपक्ष की भूमिका निभाने  की कोशिश की मगर वो भी  पूर्ण रुप से विपक्ष की भूमिका  निभा  नहीं पाया। यही कारण है कि प्रदेश में बढ़ रहे क्राइम पर  सरकार पर कोई दबाव नहीं दिख रहा है क्योकि प्रदेश कि मुख्य विपक्षी पार्टी बसपा ने विपक्ष की भूमिका ही नहीं निभाई  जिससे प्रदेश सरकार पर कोई दबाव नहीं बना। इसके अलावा कई मुददों पर विपक्षी दल •ााजपा और कांग्रेस ने सरकार पर करारे वार किये मगर उनको जमीन पर उतारने पर जनता के बीच लाने में असफल रहे।
मुददे कई पर नहीं हुआ विरोध
पीसीएस परीक्षा का पेपर लीक, बिगड़ती कानून व्यवस्था हो, संप्रदायिक दंगे हो, सरे आम मर्डर हो, लूट हो, पत्रकार को मंत्री के खिलाफ लिखने पर जलाकर मार डालने वाली घटना हो, बेलगाम मंत्रियों के ऊपर लग रहे आरोपों पर •ााजपा कांग्रेस ने जुबानी जंग तो शुरु की मगर उसको जमीन पर नहीं उतार पाये जिसके कारण कुछ समय बाद ये सब मुददे बंद हो गये ।अभी  हाल में ही पत्रकार को जिंदा जलाकर मार डाला गया जिसमें सरकार के मंत्री का नाम शमिल है इसके बावजूद विपक्षी पार्टियों ने बयान जारी कर विरोध प्रकट किया बल्कि ये एक ऐसा मुददा है जिसमें सरकार को घेरा जाये तो होने वाले चुनाव में सरकार को नुकसान और विपक्ष को फायदा मिल सकता है। तीन साल में सरकार के विरुद्व कोई भी  बड़ा आंदोलन नहीं किया गया। पेपरबाजी ओर बयानबाजी तो खूब हुई।
इस वक्त प्रदेश में सरकार के विरुद्व सबसे बड़ी पार्टी के रुप में •ााजपा उभर  के सामने आ रही है । लोकसभा के चुनाव के बाद भाजपा  के दिन बदल गये जनता में एक बार फिर इस पार्टी में विश्वास जाग उठा हुआ है। अपने तीखे तेवर से दिल्ली का सिंहासन हासिल करने के बाद प्रदेश में पार्टी की स्थिति मजबूत हुई है लेकिन पार्टी प्रदेश सरकार के खिलाफ उस स्तर पर विरोध कर विपक्ष की भूमिका  नहीं निभा  रही जो उसको निभाना  चाहिए। पार्टी के ऊपर से लोकसभा  चुनाव की जीत की खुमारी उतरने का नाम ही नही ले रही है। ऐसे में वो प्रदेश सरकार का विरोध करे भी  तो कैसे। इसी तरह कांग्रेस का भी  हाल है फिलहाल तो कांग्रेस अभी  अपनी जमीन तैयार करने में लगे है। लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए काफी मायने रखते है। प्रदेश की जनता में सरकार द्वारा कराये गये विकास कार्यों का बखान किया जा रहा है जिसको जनता जान भी  रही है। मगर प्रदेश में बिगडती कानून व्यवस्था और सरकार के भ्रष्ट  मत्री व कानून को ताक पर रखने वाले नेताओं की भी  चर्चा कुछ दिन जो होती है मगर फिर वो  खत्म हो जाती है। वजह विपक्ष का अपना काम ढंग से न नि•ााना है। विपक्ष का मजबूत होना इस बात का प्रमाण होता है कि प्रदेश में जंगलराज या एकाधिकार नहीं हो सकता।
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