एक तरफ सरकार सब पढ़े, सब बढ़े का नारा दे रही है और दूसरी तरफ स्नातक में प्रवेश के लिए निर्धारित सीटें ही इतनी कम है कि इंटर की बोर्ड परीक्षा में पास हुए सीबीएसई बोर्ड, यूपी बोर्ड व आईएससीई बोर्ड के छात्रों में से सबको प्रवेश मिलना नामुमकिन है। ऐसे में कई छात्र इस बार प्रवेश पाने में असफल रहेंगे। इसके अतिरिक्त एक तरफ सरकार इंटरमीडिएट में छात्रों को ज्यादा से ज्यादा नंबर देकर पास करने में लगी है मगर स्नातक की सीटों में कोई वृद्वि नहीं हुई है। पिछले तीन चार सालों से इंटरमीडिएट के रिजल्ट प्रतिशत में काफी बढ़ोत्तरी हुई है मगर उस अनुपात में स्नातक की सीटों जैसे बीए, बी कॉम, बीएससी की सीटों में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। हर बार की तरह इस बार भी कई हजार छात्र प्रवेश पाने में असफल रहेंगे। एलयू व डिग्री कॉलेजों में दाखिले के लिए स्नातक की लगभग 53000 सीटें हैं जबकि राजधानी में ही अकेले यूपी सीबीएसई और आईएससी बोर्ड के ही पास छात्रों की संख्या 66,986 हैं। इसके अलावा गैर जनपद से •ाी लग•ाग बीस से पच्चीस हजार छात्र राजधानी के प्रतिष्ठित कालेजों में प्रवेश पाने को आते हैं इस तरह 53000 सीटों पर प्रवेश पाने के लिए लग•ाग 90000 छात्र अपनी किस्मत आजमायेंगे। जी-तोड़ मेहनत करके बोर्ड परीक्षा पास करने वाले छात्रों को यदि प्रवेश नहीं मिलेगा तो उसका जिम्मेदार कौन है?सीटें
लखनऊ। यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट का परिणाम आने के बाद धीरे धीरे तीनों बोर्ड के इंटरमीडिएट के रिजल्ट आ चुके हैं। अब छात्र स्नातक में प्रवेश पाने के लिए एक कॉलेज से दूसरे कालेज की भाग दौड़ में लग गये हैं। मगर इस बीच सबसे बड़ी दुविधा यह है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ डिग्री कॉलेजों में स्नातक की सीटें कम हैं और पास हुए छात्रों की संख्या ज्यादा है। इसके अलावा इस बार मनपसंद कोर्स की सीट पाने के लिए मेरिट की जंग होगी। एलयू व डिग्री कॉलेजों में दाखिले के लिए स्नातक की लगभ ग 53000 सीटें है जबकि राजधानी में ही अकेले यूपी सीबीएसई और आईएससी के ही पास छात्रों की संख्या 66,986 हैं। ऐसे में सीटें कम होने के कारण और पास हुए बच्चों की संख्या के ज्यादा होने के चलते, इस बार कई मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रवेश नहीं मिल पायेगा जिससे उनका साल बर्बाद होने के कारण पढ़ाई भी चौपट होने की पूरी सं•ाावना है। इससे शिक्षा प्रणाली का गैर जिम्मेदाराना रवैया कहें या बच्चों की किस्मत। एक तरफ तो माध्यमिक शिक्षा और बोर्ड में छात्रों को भरपूर नंबर देकर उनको पास कर दिया जाता है मगर वहीं दूसरी तरफ स्नातक की सीटों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं होती है जिससे पास हुए छात्रों और सीटों के बीच का अनुपात साल दर साल बढ़ता जा रहा है।
मेडिकल और इंजीनियरिंग करने वालों को हटा दे तो भी कम है सीट
स्नातक में दाखिले के लिए होगी जंग
राजधानी में करीब 66 हजार से अधिक अ•यर्थी स्नातक में दाखिले के लिए आवेदन करेंगे। इसके अलावा गैर जनपद से आने वाले अलग हैं। इसमें से अगर इंजीनियरिंग व मेडिकल में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स की संख्या करीब 15 हजार हटा भी दी जाएगी तो भी स्नातक में दाखिले की जंग रहेगी क्योंकि राजधानी के आसपास के जिलों के करीब 25 हजार स्टूडेंट जिनकी मेरिट अच्छी होगी वह एलयू व कॉलेजों में ही दाखिला लेने आएंगे। ऐसे में इस बार कट आॅफ सूची ऊंची जाएगी।
गैर जनपद से भी आते हैं छात्र
राजधानी के कालेजों और विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने के लिए आसपास के जिले सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, रायबरेली, आजमगढ़, गोंडा बस्ती आदि जगहों से करीब 25 हजार अ•यर्थी यहां दाखिला लेने आते हैं। इंटर में 85 फीसदी से ज्यादा अंक पाने वालों की संख्या 18 हजार से ऊपर है। ऐसे में राजधानी के 66,986 छात्रों की भीड़ में इन छात्रों की भी भीड़ बढ़ जाती है। राजधानी में इस बार पिछले साल के मुकाबले इंटरमीडिएट का रिजल्ट काफी अच्छा गया है। यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की अगर बात की जाए तो यहां पर 50475 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे और इसमें से 45,929 छात्र सफल हुए। इनमें से लग•ाग 13 हजार छात्र ऐसे हंै जो 75 फीसदी से ऊपर अंक पाए हैं। 85 प्रतिशत से ऊपर नंबर पाने वाले करीब 9 हजार स्टूडेंट हैं। वहीं दूसरी ओर आईएससी (12 वीं) में 11,776 स्टूडेंट पास हुए हैं और यहां पर 85 प्रतिशत से ऊपर नंबर पाने वाले करीब 5 हजार स्टूडेंट हैं। इसी तरह सीबीएसई बोर्ड में 9281 अ•यर्थी पास हुए हैं और इसमें लगभाग 4000 छात्र ऐसे हैं जिनके 85 प्रतिशत से ज्यादा नंबर आए हैं।
शहर के प्रमुख कालेजों में प्रवेश के लिए हो रही मारामारी
लखनऊ विश्वविद्यालय, नेशनल पीजी कॉलेज, आईटी पीजी कॉलेज, अवध गर्ल्स कॉलेज, क्रिश्चियन कॉलेज, केकेसी, नवयुग कन्या पीजी कॉलेज आदि में इस बार दाखिले के लिए अ•यर्थियों में होड़ मचेगी। एलयू में कुल 3277 सीटें स्नातक में हैं जबकि डिग्री कॉलेजों में लगभाग 5300 सीटें हैं। ऐसे में कई छात्रों को इस बार प्रवेश नहीं मिल पायेगा।
सरकारी व विश्वविद्यालय संबधित कॉलेजों में सीटें
कॉलेज बी.ए बीकॉम बीएससी
आईटी पीजी कॉलेज 580 240 420
शिया पीजी कॉलेज 1046 1020 670
शशि •ाूषण गर्ल्स पीजी कॉलेज 500 - -
विद्यांत हिंदू पीजी कॉलेज 670 320 -
अमीरुददौला इस्लामिया कॉलेज 280 280 240
पंडित दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज 420 80 100
नेताजी सु•ााष चंद्र बोस कॉलेज 410 100 100
महाराजा बिजली पासी किला कॉलेज 240 60 60
महामाया डिग्री कॉलेज 420 - -
अवध गर्ल्स कॉलेज 400 240 -
बीएसएनवी कॉलेज 700 240 700
डीएवी कॉलेज 500 - 385
केकेसी 1080 1080 840
करामत गर्ल्स कॉलेज 1075 60 180
कालीचरण पीजी कॉलेज 500 120 -
खुनखुनजी गर्ल्स कॉलेज 385 - -
क्रिश्चियन पीजी कॉलेज 460 440 700
महिला पीजी कॉलेज 960 160 630
मुमताज पीजी कॉलेज 650 60 240
एपीसेन मेमोरियल गर्ल्स कॉलेज 475 80 -
कृष्णा देवी गर्ल्स कॉलेज 475 - -
नारी शिक्षा निकेतन गर्ल्स कॉलेज 560 80 100
नवयुग कन्या पीजी कॉलेज 700 240 190
नेशनल पीजी कॉलेज 440 560 300
कुल 13886 5460 5855इंटरमीडिएट में किस बोर्ड में कितने हुए पास
यूपी बोर्ड- 45929 हजार
आईएससी-11776 हजार
सीबीएसई -9281 हजार
एलयू में स्नातक की सीटें
बीए 1410
बीए आॅनर्स 60
बीकॉम 800
बीकॉम आॅनर्स 100
बीएससी मैथ्स 507
बीएससी बॉयो 280
एलएलबी आॅनर्स 120
कुल सीटें 3277
बीते साल एलयू की कटआॅफ सूची
कोर्स कट आॅफ (अधिकतम से न्यूनतम) प्रतिशत
बीएससी मैथ्स 94.688 से 90
बीएससी बॉयो 91.96 से 86.268
बीकॉम 91.163 से 85.742
बीकाम आॅनर्स 92.569 से 84.503
बीए 91.403 से 65
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