Wednesday, 17 June 2015

पंचायत चुनाव की बिछने लगी बिसात


इन्टरवल एक्सप्रेस
लखनऊ। पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट मात्र से ही ग्राम पंचायतो में संभावित  प्रत्याशियों ने अपना प्रचार शुरु कर दिया है। पंचायत चुनावों का औपचारिक एलान भले ही अभी  न हुआ हो, लेकिन चुनावी बिसात पर वोटो की मोहरे बिछने लगी है। पंचायत के ग्राम प्रधान किसी भी  हाल में बचे कार्यकाल के लिए मन मुताबिक काम करवा कर लोगों के बीच फिर से विकास का नारा देने की तैयारी में लगे हुए है। वहीं दूसरी तरफ पुराने प्रधान प्रत्याशी अपना रुतबा कायम करने के लिए मौजूदा प्रधान पर आरोप पर आरोप लगाकर उनके वोट बेंक में सेंध मारने की तैयारी कर रहे है। आलम ये है कि पंचायत चुनाव में वो स•ाी हथकंडे अपने जा रहे जो देश और प्रदेश के सेंट्रल हॉल में पहुॅचने के लिए होते है। साम दाम दंड भेद का ऐसा चक्रव्यूह रचा जाता है कि सामने वाला समर्पण के अलावा किसी काम का नहीं रहता कुछ ऐसा ही राजधानी समेत ग्रामीण इलाकों में होने लगा है। शाह और मात का खेल इतना बुरा है कि लोग खून बहाने से भी  नहीं चूकते। ग्राम पंचायत के चुनाव अपनाये जाने वाले रणनीति पर प्रकाश डालती एक रिपोर्ट

हाल की कुछ घटनाएं
पंचायत चुनाव हलाकि अक्टूबर या सितबर में होने है मगर उनको लेकर संभावित प्रत्याशियों ने अभी  से तैयारियां तेज कर दी गई है। इसके लिए वो साम दाम दंड भेद वाली नीति का पालन कर रहे है। हाल ही की कुछ घटनाओं ने ये साबित कर दिया है कि इसबार चुनाव सिर्फ पैसे या व्यक्तिगत रुप से नहीं लड़ा जाने वाला है। इस बार के चुनाव में पिछल्ले बार के चुनाव से ज्यादा केस और खून खराबा होने वाला है।
केस एक- अभी  हाल ही में कुछ दिन पहले अमेठी में प्रधान ने अवैध कब्जे से रोका तो दूसरे पक्ष ने उसको जमकर पीटा और लहूलुहान कर दिया। इसमें आरोपी प्रधान पद का संभावित उम्मीदवार है। इसलिए इस घटना को पंचायत चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है जो काफी हद तक सही भी  है।
केस दो- उन्नाव क्षेत्र में प्रधानी चुनाव की पुरानी रंजिश के चलते विरोधी पार्टी ने 7 से 8 साल के बच्चों पर गैंगरेप का आरोप लगा दिया। यहीं नहीं उनके खिलाफ एफआईआर भी  दर्ज हो गई।

केस तीन- बेंती गांव में पूर्व प्रधान ने मौजूदा प्रधान पर विकास कार्य के लिए आये पैसे में 8 लाख रुपये के गबन का आरोप लगाया है। पूर्व प्रधान ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से भी  की है जिसकी जांच चल रही है।


शुरु हुई खेमेबाजी
पंचायत चुनाव के त्रिस्तरीय चुनाव की सुगबुगाहट मात्र से ही  प्रत्याशियों ने होर्ल्डिंग्स और बैनर के माध्यम से प्रचार शुरु कर दिया है। इसके साथ ही घर घर जाकर संपर्क भी  शुरु कर दिया है। अपनी दावेदारी को मजबूत करने के चौपाल लगनी भी  शुरु हो गई है शाम होते ही सं•ाावित प्रत्याशियों के घरो के आगे जमावड़ा बताता है कि पंचायत चुनाव की तैयारियां अभी  से शुरु हो गई है।
पैसे का जमकर हो रहा है इस्तेमाल
पंचायत चुनाव में पिछल्ली बार एक प्रत्याशी पर कम से कम बीस लाख रुपये का खर्चा बैठा था इस बार के पंचायत चुनाव के माहौल को देखते हुए ये खर्चा बढ़ कर चालीस लाख तक जा सकता है। इतने पैसे में तो विधायकी के  चुनाव लड़े जाते है। मगर वर्तमान समय में पंचायत के चुनाव में इतना पैसा खर्च हो रहा है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंचायती चुनाव में कितना फायदा होता है। लोग चुनाव के लिए अपनी जमीने तक बेंच रह े है।

शुरु हुई उठा पटक
पंचायती चुनाव के नजदीक आते ही पंचायती क्षेत्रो में एक बार फिर पुरानी रंजिशे पनापने लगी है। पुराने प्रत्यशियों ने मौजूद प्रधान पर घोटालों का आरोप लगा कर उनको कानूनी दांव पेज में उलझाना शुरु कर दिया है। इसके साथ एक दूसरे के समर्थकों पर फर्जी मुकदमें करवाकर उनको जेल तक भेजने की तैयारी होने लगी है। इस लड़ाई का सीधा सा मकसद है कि अपनी ताकत का एहसास करवाना। अपनी ताकत के जरिये चुनाव लड़ने वाले लोग खून खराबा करने में •ाी पीछे नहीं हटते है। चुनाव के नजदीक आते ही गांवों में प्रत्याशियों ने अपने गुट को मजबूत करना शुरु कर दिया है। विधान स•ाा चुनाव की तर्ज पर ही यहां पर भी  अपने विरोधियों को फर्जी केस में फंसाकर उनको चुनाव लडने से वंचित करने की योजना पर काम हो रहा है जिसमें पैसे के साथ पुलिस •ाी बखूबी साथ दे रही है।

राजनैतिक पार्टियों का प्रत्याशियों को संरक्षण
इन चुनावों पर पार्टियों का द्वारा प्रत्याशियों को संरक्षण दिया जाता है क्योकि बड़े चुनावों में निर्वाचित  ग्राम प्रधान जिला पंचायत सदस्यों की बड़ी भूमका होती है। जिसको लेकर पार्टियां गं•ाीर हो चली है। उनकी पार्टी को विधान सभा  और लोकसभ  के चुनावों में वोट मिल सके। ऐसे में बड़ी पार्टियों के लिए जमीन तैयार करने का काम ये चुनाव करते है।

वर्जन
प्रधानी के चुनाव को लेकर तनाव की बात सामनेआयी है। किसी भी दशा में फर्जी मुकदमें दर्ज नही किये जायेंगे। सभी  थानों को इसके लिये निर्देशित कर दिया गया है। सभी  मामलों में पुलिस को जांच के बाद कार्यवाही करने के कहा गया है। डीआईजी आर के चतुर्वेदी

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