इन्टरवल एक्सप्रेस
लखनऊ। महीने भर पहले नेपाल में आये विनाशकारी भूकंप के झटके राजधानी समेत पूरे प्रदेश में महसूस किये गये। भूकंप के झटको से लोगों में दहशत का आलम ये था कि वो रातों को घरो में सोने के बजाये पार्क और खुले मैदान में जागकर अपनी रातें गुजारी है। भूकप का डर लोगों के अंदर किस हद तक समाया है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर में अपार्टमेंट की बिक्री में काफी गिरावट आयी है अब लोग फ्लैट खरीदन से कतरा रहे है जिन्होंने फ्लैट लिया भी है वो भी डर के साये में जीने को मजबूर है। ऐसे में बिल्डरों की चिुता जहां एक तरफ बढ़ रही है वही दूसरी तरफ लोग अब मकानों की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे है।
पांच सालों में बढ़ा है अपार्टमेंट कल्चर
मार्डन होते लखनऊ में पिछल्ले पांच सालों में अपार्टमेंट और फ्लैटों के प्रति शहरवासियों का लगाव ज्यादा बढ़ा है। जिसके कारण शहर के अंदर और बाहरी इलाकों में अपार्टमेंट की भरमार होती जा रही है। अपार्टमेंट बनाने में प्राइवेट कंपनियों से लेकर सरकारी विभाग भी लगे हुए है। शहर की 25 प्रतिशत अबादी जो सक्षम है वो मकान न लेकर अपार्टमेंट कल्चर को ज्यादा अपना रहे है। शहर में गंगनचुंबी इमारते अब असानी से देखने को मिल रही है। लेकिन अभी हाल में ही आये लगातार भूकंप के झटको ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अपार्टमेंट में लाख सुविधा होने के बाद भी क्या वो ऐसी आपदा से उनको बचाने में सक्षम है ?
भूकंप के खौफ से कम हुई बिक्री
राजधानी में भूकंप के झटको ने लोगों में ऐसा खौफ पैदा किया है कि वो अपनी सुरक्षा को लेकर ज्यादा सजग हो गये है। कभी फ्लैटों की तरफ भागने वाले शहरवासी आज उनसे दूरी बनाये हुए है। क्योकि भूकंप में सबसे ज्यादा जान माल के नुकसान का खतरा जो है उसमें अपार्टमेंट का नाम पहले आता है। सेकेंड भर के भूकम में पूरा शहर तबाह हो जाता है ऐसे में अपार्टमेंट से बाहर आने में लोगों को वक्त भी नहीं मिल पायेगा। यहीं खौफ उनके दिलो ओर दिमाग में भर गया है जिससे उनका रुझान अपार्टमेंट की तरफ हाल के दिनों में काफी कम हुआ है।
मानकों के अनुरुप भी नहीं बनाते है अपार्टमेंट
शायद ही किसी ने सोचा हो कि राजधानी में भी कभी भूकंप के झटके आ सकते है इसी लापरवाही के चलते कई प्राइवेट कंपनियां और बिल्डरो ने आज से तीन साल पहले जो अपार्टमेंट बनाये थे वो भूकंपरोधी मानक के अनुरुप नहीं बनाये थे जिसका खामियाजा अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को भूगतना पड़ सकता है। भूकम के झटके आने के बाद आनन फानन में आपदा प्रंबधन भी जो पहले कभी निष्क्रिय पड़ा था सक्रिय नजर आने लगा। दसके अलावा विकास प्राधिकरण और आवास विकास भी अब बिना नक्शे और भूकंपरोधी मानकों को पूरा करने वालों को ही तरजीह दे रहा है। लेकिन ऐसे में सवाल ये उठता है कि पहले जो अपार्टमेंट मानको के विपरीत बने है उनके खिलाफ क्या कार्रवाई कर रहा है।
ये है अपार्टमेंट के क्षेत्र
शहर में अपार्टमेंट कल्चर बढ़ने के इलाके में सबसे ऊपर गोमती नगर का क्षेत्र आता है जहां पर मकान कम और अपार्टमेंट ज्यादा है दसके अलावा फैजाबाद रोड़, कैसरबाग और जापलिंग रोड़ पर भी अपार्टमेंट का कल्चर तेजी से बढ़ा है। यदि ऐसे में भूकंप का कोई मजबूत झटका आता है तो सबसे ज्यादा तबाही इसी क्षेत्र में होगी।
भूकंप रोधी पैमाना
मकान का नींव डालते समय ही भूकंप रोधी पैमाना का ख्याल रखा जाना चाहिए. एक्सपर्ट के अनुसार नींव में छड़ व कंक्रीट से प्लिंथ ढलायी व मजबूत छड़ के साथ सभी कोनों पर कंक्रीट पिलर आवश्यक है। साथ ही दरवाजे व खिड़की के ऊपर लिंटल बैंड व फिर छत के पास छत बैंड आवश्यक रूप से दिया जाना चाहिए। सामान्यत: कंक्रीट पिलर का इस्तेमाल तो हर कोई करता है, लेकिन प्लिंथ ढलायी व छत बैंड के इस्तेमाल से लोग बचते हैं, इस कारण भूकंप के झटके से मकान में दरारें आ सकती है और वह टूट भी सकता है।
वर्जन
अपार्टमेंट निवासियों के
.1::: फैज बद्र और उनके भाई दुबई में जॉब करते है। कैसरबाग स्थित अपार्टमेंट में उनकी मॉ किराये के फ्लैट में रहती है। उन्होंने बताया कि जब उन्हे पता चला कि शहर में भूकम आया है तो उन्होंने अपनी मॉ को दुबई बुला लिया । भूकंप के खौफ से वो अपार्टमेंट में फ्लैट लेने वाले थे मगर उन्होंने अब अपना मन बदल दिया है उन्होंने बताया कि अब वो पूरी तरह तसल्ली कर लेंगे कि अपार्टमेंट भूकंप विरोधी मानकों के अनुरुप बना है तभी फ्लैट लेगे।
2::: आजम गढ़ निवासी साहिल के अनुसार वो पिछल्ले कई वर्षों से लखनऊ में रह रहे है उन्होने बताया कि अभी हाल में ही एक फ्लैट लिया था जिसमें वो अपने परिवार को बुलाकर साथ रहने की सोच रहे थे मगर भूकंप के डर से अब वो उस फ्लैट को बेच कर कोई मकान लेने की सोच रहे है साहिल ने बताया कि उनकी एक छोटी बेटी है और वो काम के सिलसिले में बाहर रहते है यदि ऐसे में कोई हादसा होता है तो उनकी पत्नी बच्चे को लेकर कैसे बाहर आयेगी। बस इसी कारण उन्होने फ्लैट बेचने का मन बना लिया है।
बिल्डर का वर्जन
शहर के प्रतिष्ठित बिल्डर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब से भूकंप आया है तब से फ्लैटों की बिक्री में काफी कमी आई है जिन लोगों ने फ्लैट के लिए बंकिंग की थी उन्होनें भी बुकिंग कैंसिल कर दी है। ऐसे में हम लोगों का करोड़ो रुपया फसा हुआ है। जबकि हम लोग मानकों के अनुरुप बना रहे है फिर भी लोगों में भूकंप के डर से बिक्री धीमी हो गई है। ये डर जब तक बना रहेगा तब तक तो एसी ही हालत रहेगी।
#भूकम्प #फ्लैट #अपार्टमेंट #डर भूकम्प का # बिक्री
लखनऊ। महीने भर पहले नेपाल में आये विनाशकारी भूकंप के झटके राजधानी समेत पूरे प्रदेश में महसूस किये गये। भूकंप के झटको से लोगों में दहशत का आलम ये था कि वो रातों को घरो में सोने के बजाये पार्क और खुले मैदान में जागकर अपनी रातें गुजारी है। भूकप का डर लोगों के अंदर किस हद तक समाया है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शहर में अपार्टमेंट की बिक्री में काफी गिरावट आयी है अब लोग फ्लैट खरीदन से कतरा रहे है जिन्होंने फ्लैट लिया भी है वो भी डर के साये में जीने को मजबूर है। ऐसे में बिल्डरों की चिुता जहां एक तरफ बढ़ रही है वही दूसरी तरफ लोग अब मकानों की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे है।
पांच सालों में बढ़ा है अपार्टमेंट कल्चर
मार्डन होते लखनऊ में पिछल्ले पांच सालों में अपार्टमेंट और फ्लैटों के प्रति शहरवासियों का लगाव ज्यादा बढ़ा है। जिसके कारण शहर के अंदर और बाहरी इलाकों में अपार्टमेंट की भरमार होती जा रही है। अपार्टमेंट बनाने में प्राइवेट कंपनियों से लेकर सरकारी विभाग भी लगे हुए है। शहर की 25 प्रतिशत अबादी जो सक्षम है वो मकान न लेकर अपार्टमेंट कल्चर को ज्यादा अपना रहे है। शहर में गंगनचुंबी इमारते अब असानी से देखने को मिल रही है। लेकिन अभी हाल में ही आये लगातार भूकंप के झटको ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अपार्टमेंट में लाख सुविधा होने के बाद भी क्या वो ऐसी आपदा से उनको बचाने में सक्षम है ?
भूकंप के खौफ से कम हुई बिक्री
राजधानी में भूकंप के झटको ने लोगों में ऐसा खौफ पैदा किया है कि वो अपनी सुरक्षा को लेकर ज्यादा सजग हो गये है। कभी फ्लैटों की तरफ भागने वाले शहरवासी आज उनसे दूरी बनाये हुए है। क्योकि भूकंप में सबसे ज्यादा जान माल के नुकसान का खतरा जो है उसमें अपार्टमेंट का नाम पहले आता है। सेकेंड भर के भूकम में पूरा शहर तबाह हो जाता है ऐसे में अपार्टमेंट से बाहर आने में लोगों को वक्त भी नहीं मिल पायेगा। यहीं खौफ उनके दिलो ओर दिमाग में भर गया है जिससे उनका रुझान अपार्टमेंट की तरफ हाल के दिनों में काफी कम हुआ है।
मानकों के अनुरुप भी नहीं बनाते है अपार्टमेंट
शायद ही किसी ने सोचा हो कि राजधानी में भी कभी भूकंप के झटके आ सकते है इसी लापरवाही के चलते कई प्राइवेट कंपनियां और बिल्डरो ने आज से तीन साल पहले जो अपार्टमेंट बनाये थे वो भूकंपरोधी मानक के अनुरुप नहीं बनाये थे जिसका खामियाजा अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को भूगतना पड़ सकता है। भूकम के झटके आने के बाद आनन फानन में आपदा प्रंबधन भी जो पहले कभी निष्क्रिय पड़ा था सक्रिय नजर आने लगा। दसके अलावा विकास प्राधिकरण और आवास विकास भी अब बिना नक्शे और भूकंपरोधी मानकों को पूरा करने वालों को ही तरजीह दे रहा है। लेकिन ऐसे में सवाल ये उठता है कि पहले जो अपार्टमेंट मानको के विपरीत बने है उनके खिलाफ क्या कार्रवाई कर रहा है।
ये है अपार्टमेंट के क्षेत्र
शहर में अपार्टमेंट कल्चर बढ़ने के इलाके में सबसे ऊपर गोमती नगर का क्षेत्र आता है जहां पर मकान कम और अपार्टमेंट ज्यादा है दसके अलावा फैजाबाद रोड़, कैसरबाग और जापलिंग रोड़ पर भी अपार्टमेंट का कल्चर तेजी से बढ़ा है। यदि ऐसे में भूकंप का कोई मजबूत झटका आता है तो सबसे ज्यादा तबाही इसी क्षेत्र में होगी।
भूकंप रोधी पैमाना
मकान का नींव डालते समय ही भूकंप रोधी पैमाना का ख्याल रखा जाना चाहिए. एक्सपर्ट के अनुसार नींव में छड़ व कंक्रीट से प्लिंथ ढलायी व मजबूत छड़ के साथ सभी कोनों पर कंक्रीट पिलर आवश्यक है। साथ ही दरवाजे व खिड़की के ऊपर लिंटल बैंड व फिर छत के पास छत बैंड आवश्यक रूप से दिया जाना चाहिए। सामान्यत: कंक्रीट पिलर का इस्तेमाल तो हर कोई करता है, लेकिन प्लिंथ ढलायी व छत बैंड के इस्तेमाल से लोग बचते हैं, इस कारण भूकंप के झटके से मकान में दरारें आ सकती है और वह टूट भी सकता है।
वर्जन
अपार्टमेंट निवासियों के
.1::: फैज बद्र और उनके भाई दुबई में जॉब करते है। कैसरबाग स्थित अपार्टमेंट में उनकी मॉ किराये के फ्लैट में रहती है। उन्होंने बताया कि जब उन्हे पता चला कि शहर में भूकम आया है तो उन्होंने अपनी मॉ को दुबई बुला लिया । भूकंप के खौफ से वो अपार्टमेंट में फ्लैट लेने वाले थे मगर उन्होंने अब अपना मन बदल दिया है उन्होंने बताया कि अब वो पूरी तरह तसल्ली कर लेंगे कि अपार्टमेंट भूकंप विरोधी मानकों के अनुरुप बना है तभी फ्लैट लेगे।
2::: आजम गढ़ निवासी साहिल के अनुसार वो पिछल्ले कई वर्षों से लखनऊ में रह रहे है उन्होने बताया कि अभी हाल में ही एक फ्लैट लिया था जिसमें वो अपने परिवार को बुलाकर साथ रहने की सोच रहे थे मगर भूकंप के डर से अब वो उस फ्लैट को बेच कर कोई मकान लेने की सोच रहे है साहिल ने बताया कि उनकी एक छोटी बेटी है और वो काम के सिलसिले में बाहर रहते है यदि ऐसे में कोई हादसा होता है तो उनकी पत्नी बच्चे को लेकर कैसे बाहर आयेगी। बस इसी कारण उन्होने फ्लैट बेचने का मन बना लिया है।
बिल्डर का वर्जन
शहर के प्रतिष्ठित बिल्डर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब से भूकंप आया है तब से फ्लैटों की बिक्री में काफी कमी आई है जिन लोगों ने फ्लैट के लिए बंकिंग की थी उन्होनें भी बुकिंग कैंसिल कर दी है। ऐसे में हम लोगों का करोड़ो रुपया फसा हुआ है। जबकि हम लोग मानकों के अनुरुप बना रहे है फिर भी लोगों में भूकंप के डर से बिक्री धीमी हो गई है। ये डर जब तक बना रहेगा तब तक तो एसी ही हालत रहेगी।
#भूकम्प #फ्लैट #अपार्टमेंट #डर भूकम्प का # बिक्री

No comments:
Post a Comment