इन्टरवल एकसप्रेस
लखनऊ। मुख्यमत्री अखिलेश यादव के अगामी विधानसभा चुनाव लक्ष्य 2017 में दूबारा सत्ता में आने की राह में सपा कार्यकर्ता और उनके अपने ही लोग रोड़ा बनते जा रहे है। जब से प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है तबसे सपा कार्यकर्ताओं के द्वारा उत्पात मचाने की खबरे आये दिन आती रहती है। सपा सरकार पर हमेशा से ही ये आरोप लगता रहा है कि अपराध बेलगाम हो जाते है। इसकी बानगी का नजारा सपा सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में ही देखने को मिला जब कार्यकर्ता बेलगाम हो मंच पर चढ़ गये और अपने समाजवादी होने का एहसास दिलाया था।
नहीं लगा पा रहे है लगााम
सपा सरकार के आते ही गलियों के छुटभैया नेता भी अपने को मुख्यमंत्री से कम नहीं समझते है। सपा सरकार में उनके कार्यकर्ता और नेता कानून को भी ठेंगा दिखाते है। थाने और सड़क पर ऐसा रौब दिखाते है कि जैसे वो खुद ही मुख्यमंत्री और कानून है। कार्यकर्ताओं ने तो कई बार अनुशासनहीनता की हदें ही पार कर दी है। कई बार पार्टी की बैठक में ही कई नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते नजर आये है। पार्टी की अदंरुनी मामले भी अखबारों और चैनलों की सुर्खियां बन चुके है। अभी हाल में ही सपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने अपने फेसबुक पर ही सीधे मुख्यमंत्री और पार्टी के खिलाफ खुलकर लिखा जिसके बाद उनको नोटिस दी गई। जिसका जवाब भी उन्होंने फेसबुक पर ही दिया है। इसके अलावा आगरा के सपा नेता शैलेंद्र अग्रवाल पर फोन स्पूफिंग कर 300 करोड़ की ठगी करने का आरोप लगा है जिसके चलते उनको गिरफ्तार कर लिया गया है।
मुलायम को भी देनी पड़ी है नसीहत
सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव एक खास हुनर के मलिक है सपा मुखिया अपनी पार्टी के लिए कार्य करने वाले जो कभी उनके निकट से गुजरा हो या जो पार्टी हित में कभी काम आया हो उसको कभी नहीं भूलते है अपनी इसी अच्छाई के कारण वो वह कई बार हितैषियों के बेलगाम और अनुशासनहीनता के चलते मुसीबत में नजर आये है। इसी कारण वो कई बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में और खुले मंच से पार्टी के कार्यकर्ताओं को नसीहत देते हुुए दिखाई दिये है। कई बार उन्होंने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भ्रष्टचार से भी दूर रहने की नसीहत दी है।
बढ़ती जा रही है नेताओं और कार्यकर्ताओं की दंबगाई
प्रदेश में जब से सपा सरकार बनी है तबसे लेकर आज तक सपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की दंबगाई में इजाफा होता जा रहा है। हाल में ही में गोसाईगंज के विधायक अभय सिंह के काफिले की गाड़ी को बाराबंकी के अहमदपुर टोल प्लाजा पर रोके जाने से उनके समर्थक भड़क गए और उन्होंने टोल कर्मियों पर हमला कर दिया। सपा कार्यकतार्ओं के हमले में टोल प्लाजा का एक कर्मचारी घायल हो गया। सूत्रों के मुताबिक घटना के वक्त अभय सिंह एक गाड़ी में खुद मौजूद थे। इसके अलावा मंत्री परशुनाथ यादव के बेटे लकी यादव पर भी वसूली और मारपीट कई तरह के आरोप लगते रहे है, फर्रुखाबाद में सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव के कार्यक्रम में वहां के जिलाध्यक्ष को गाड़ी अंदर ले जाने की अनुमति न मिलने पर उसके बेटे ने और कई कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों को बेरहमी से मारा पीटा था। ये सब मामले सत्ता पक्ष से जुड़े होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। सपा मुखिया की सख्त हिदायत के बाद भी 2014 में समाजवादी पार्टी में मंत्री रह चुके वीरेंद्र सिंह के बेटे मनीष ने जिला पंचायत चुनाव में जीत हासिल करने के बाद विजय जुलूस निकाला हवा में बंदूक लहराते और फायरिंग करते हुए खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ने लगीं। सपा कार्यकतार्ओं की इस हुड़दंग के आगे पुलिस भी बेबस नजर आई। हद तो तब हो गई जब जुलूस के साथ सुरक्षा के लिए चल रही एएसपी की गाड़ी पर ही हुड़ंदगियों ने कब्जा कर लिया और उसी पर चढ़कर गोलियां दागने लगे और पुलिस मूक दर्शक बनी रही। ये तो मात्र कुछ घटनाएं है जबकि सपा सरकार के तीन साल का कार्यकाल ऐसे न जाने कितने कारनामों से भरा है।
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