Monday, 18 November 2019

नोट बंदी ने दिला दिया बराबरी का हक

3 साल पहले मेरी ज़िंदगी मे खुशी का एक पल भी नही था। कोई भी ऐसा नही था जिससे मैं अपने दिल की बात कह सकूं। दोस्त यार मेरा मजाक उड़ाते थे। यहां तक अगर मैं अकेले कही जाता था तो लोग मुझे देख कर सकते थे। मॉल, पार्क तो मैंने जाना ही बंद कर दिया। यहां तक घरेलू फंक्शन में भी जाने से बचता था। मैं खुद को बहुत अकेला महसूस करने लगा था मेरा जीवन कोरे कागज से भी ज्यादा सफेद था। उदासी भरी जिंदगी जीने को मजबूर था। फिर #8novembre को रात 8 बजे से मेरी जिंदगी ही बदल गई। वीरान पड़े मेरे दिल में खुशियों के फूल खिल गए। ज़िन्दगी का हर पन्ना ब्लैक एंड वाइट से कलर फुल हो गया था। क्योकि मेरी लाइफ में पहली बार कोई #बन्दी आई थी जिसका नाम #नोटबंदी था। उसके आते ही मेरी ज़िंदगी बदल गई कैसे आपको बताते है-
1- जो पहले ज्यादा खुश थे उनकी खुशी कम हो कर मेरे बराबर आ गई ।
2-जो पहले मुझे देख कर हंसते थे वो सब लोग लोगों के चेहरे की रंगत बदल गई। अब वो खुद पर हँसने लायक नही रहे।
3- जो मेरी बेरोजगारी का मजाक उड़ाते थे अब वो खुद बेरोजगार हो गए।
4- जो मुझे चिढ़ाने के लिए अपनी गर्ल फ्रेंड के गले मे हाथ डाल कर उनको शॉपिंग करवाने ले जाते थे। आज वो उनको आइसक्रीम भी नही खिला पा रहे है।
5- मेरे सांवलेपन का मजाक बनाने वाले बैंक और एटीएम की लाइन में लग कर खुद सांवले ही नही काले हो गए है।
6- जो कभी मेरे साथ चाय की टापरी पर चाय नही पीते थे आज वो मुझे फोन करके खुद बुलाते है (क्योकि चाय के 15 रुपये मैं ही देता हूँ)
7- जो कभी मेरे साथ बैठना गवारा नही करते थे आज 24 घंटे में 18 घंटे मेरे साथ ही रहते है (क्योकि उन सबकी नोटबन्दी में नौकरी चली गई)
मेरी जिंदगी के भले ही चढ़ाव न आया हो लेकिन मोदी जी ने #नोटबन्दी कर के बाकी सबकी जिंदगी में उतार जरूर ला दिया। इसलिए वो सब मेरे बराबर आ गए। यह सब #मोदी जी की वजह से हो पाया। #सबक_साथ_सबका_विकास थैंक यू मोदी जी।

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