असफलता एक ऐसा शब्द है जिसे कोई भी शायद नहीं सुनना चाहता मगर असफ़लता हमारे जीवन में उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी सफलता कोई भी काम जिसमे हम असफल हो जाते है उसके बाद उस काम को करने और उसमे सफल होने की ख़ुशी पहले से कई गुना ज्यदा बढ़ जाती है या यू कहे की असफ़लता ही सफलता की कुंजी है जो इन्सान असफ़लता से घबरा कर अपनी मंजिल का रास्ता बदल देता है वो इंसान अपनी मंजिल को हमेशा के लिए खो देता है यदि आप देर से मिलने वाली सफलता से निराश हो जाते है और निराशावादी विचारो को अपने दिल और दिमाग में हावी होने देते है तो ऐसे आप अपनी असफ़लता को खुद ही बुलावा देते है यदि सफलता बिना संघर्ष के मिल जाती तो शायद सफलता का फल इतना मीठा न होता लोगो की नज़र में सफलता का महत्व न रहता कोई भी ऐसा नही है जिससे बिना संघर्ष करे सफलता मिल गयी हो
असफल हो जाने पर हमे ये पता चलता है की हमारी तय्यारी में कहा गलती हो गयी हमे उन बातो का अध्यन करना चाहिए और फिर से उसकी तय्यारी करनी चाहिए और उन बातो को धयान में रख के मेहनत की शुरुवात करनी चाहिए ताकि दुबारा वो गलती न हो ये कहावत है की तक़दीर भी मेहनत करने वालो का साथ देती है असफ़लता और सफतला के बीच अगर कुछ है तो वो है संघर्ष ....
अपनी मंजिल को पाने के लिए खुद में जूनून होना चाहिए पागलपन होना चाहिए उस मज़िल को हासिल करने के लिए संघर्ष करना चाहिय यदि आप के अन्दर ये है तो आपको आपकी मंजिल पर पहुचने से कोई नहीं रोक सकता। … हेनरी फोर्ड में अगर जूनून न होता तो शायद आज कार ना होती। … राइटर ब्रदर्स अगर तूफानों से घबरा गये होते तो आज हवा में उड़ने वाला जहाज़ न होता। महात्मा गांधीजी ने एक बार नहीं बीसों बार अंग्रेजो का दमन सहा लाठी खाई जेल गयी मगर भारत को आज़ादी दिलाने की अपनी मजिल से कभी पीछे नहीं हटे। बार बार असफ़लता के बाद भी ये अपनी मजिल की राह में पत्थर बने खड़े रहे और आज पूरी दुनिया इनको जानती है और इनके जैसा बनना चाहती है यदि ये असफलता से घबरा के अपने मकसद से पीछे हट गये होते तो शायद आज इनका नाम लेने वाला कोई न होता लोग इन्हें जानते तक नही। … अपनी पहचान बनाने के अपनी मजिल को पाने के लिए जुनून पागलपन अपने लक्ष्य के लिए समर्पण की भावना का होना बहुत ज़रूरी होता है और संघर्ष से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए संघर्ष ही असली जीवन है
असफल हो जाने पर हमे ये पता चलता है की हमारी तय्यारी में कहा गलती हो गयी हमे उन बातो का अध्यन करना चाहिए और फिर से उसकी तय्यारी करनी चाहिए और उन बातो को धयान में रख के मेहनत की शुरुवात करनी चाहिए ताकि दुबारा वो गलती न हो ये कहावत है की तक़दीर भी मेहनत करने वालो का साथ देती है असफ़लता और सफतला के बीच अगर कुछ है तो वो है संघर्ष ....
अपनी मंजिल को पाने के लिए खुद में जूनून होना चाहिए पागलपन होना चाहिए उस मज़िल को हासिल करने के लिए संघर्ष करना चाहिय यदि आप के अन्दर ये है तो आपको आपकी मंजिल पर पहुचने से कोई नहीं रोक सकता। … हेनरी फोर्ड में अगर जूनून न होता तो शायद आज कार ना होती। … राइटर ब्रदर्स अगर तूफानों से घबरा गये होते तो आज हवा में उड़ने वाला जहाज़ न होता। महात्मा गांधीजी ने एक बार नहीं बीसों बार अंग्रेजो का दमन सहा लाठी खाई जेल गयी मगर भारत को आज़ादी दिलाने की अपनी मजिल से कभी पीछे नहीं हटे। बार बार असफ़लता के बाद भी ये अपनी मजिल की राह में पत्थर बने खड़े रहे और आज पूरी दुनिया इनको जानती है और इनके जैसा बनना चाहती है यदि ये असफलता से घबरा के अपने मकसद से पीछे हट गये होते तो शायद आज इनका नाम लेने वाला कोई न होता लोग इन्हें जानते तक नही। … अपनी पहचान बनाने के अपनी मजिल को पाने के लिए जुनून पागलपन अपने लक्ष्य के लिए समर्पण की भावना का होना बहुत ज़रूरी होता है और संघर्ष से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए संघर्ष ही असली जीवन है